Indicators on Shiv Chalisa Lyrics You Should Know



त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

भगवान् शिव भक्तो की तपस्या से प्रसन्न होकर इच्छित वर देते है।

तारकासुर, जालंधर और त्रिपुरासुर जैसे महाअसुरो ने त्राहि-त्राहि मचाई तब उनसे  शिवजी ने ही छुटकारा दिलाया और इस ब्रह्माण्ड की रक्षा की।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

ये सभी ग्रंथ उपलब्ध करणे के लिये धन्यवाद।

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ।।

भगवान् शिव की आरती – शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलाशी

अंग गौर शिर गंग बहाये । मुंडमाल तन क्षार लगाए ।।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

योगी यति मुनि ध्यान weblink लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

सर प्लीज अगर संभव हो सके तो इसमें सम्पूर्ण “शिव सूत्र” को भी उपलब्ध कराए। आपका बहुत बहुत आभार होगा।

एक कमल प्रभु राखेउ more info जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

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